!! फूलों सा कोमल बनकर !!
फूलों सा कोमल बनकर
जीवन को, महकाना तुम
सुगंध धरा पर फैलाकर
सारे जग में छा जाना तुम
रूठ गए जो अपने कभी तो
हंसी-ख़ुशी मिल जाना तुम
जीवन चाहे, पथरीला हो
कांटों में, खिल जाना तुम
टूटे दिलों को, जोड़ कभी
जग हर्षित कर जाना तुम
कलियों की मुस्कान कभी
बन मंद,मंद मुस्काना तुम
ईर्ष्या करने वालों के दिल में
थोड़ा सा जगह बनाना तुम
आने वाले कल को ‘चुन्नू’
खुशियों से भर जाना तुम
•••• कलमकार ••••
चुन्नू लाल गुप्ता-मऊ (उ.प्र.)