फिर से अपने चमन में ख़ुशी चाहिए
1)खो गई जो कहीं वो हॅंसी चाहिए
फिर से अपने चमन में ख़ुशी चाहिए
2)फूल हर रॅंग के गुलसिताॅं में खिलें
ख़ुश्बूएं सबकी फिर बाहमी चाहिए
3)दूर हों फ़ासले बैर शिक़वे गिले
बस मुहब्बत भरी ज़िन्दगी चाहिए
4)चोट तुझको लगे आँख मेरी भरे
दर्द की ऐसी जादूगरी चाहिए
5) हुस्न की सलतनत से नहीं है ग़रज़
बस सनम के लिए बेख़ुदी चाहिए
6) या ख़ुदा दिल किसी का न मुझसे दुखे
ज़िन्दगी भी मुझे रहम की चाहिए
7)कार-ए-दुनिया से फ़ुरसत मिले मंतशा
वक़्त की चाल भी कुछ थमी चाहिए
🌹मोनिका मंतशा🌹