फकत की शिकायतें
तब यादें ही होंगी उनके दिल की राहत के लिए
वो भी तरसेंगे इकदिन हमारी मुहब्बत के लिए
सोचता हूं .. सीने में, दिल नही रखता होगा पत्थर
कितनी शायरी लिखूं उनकी शिकायत के लिए
ये नही है फकत की शिकायतें, तारीफें लिखी हैं
कुछ जख्म भी छुपाकर रखे है दिखाने के लिए
उठेगा भरोसा, तो तन्हाई में मर जायेगा खुदा भी
आखिर कोई न होगा जब उसकी इबादत के लिए