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15 Jan 2024 · 2 min read

सुनो पहाड़ की…..!!! (भाग – ५)

त्रिवेणी घाट के विषय में सोचते हुए ही मैं शायद सो जाती कि अमित ने मुझे पुकार लिया। वह मुझसे शाम के कार्यक्रम के विषय में पूछ रहा था कि शाम को हम सब कहाँ चलेंगे?
मैं कुछ सोच पाती इससे पूर्व ही अर्पण ने रामसेतु अथवा लक्ष्मणझूला जाने का विचार रख दिया और इस पर सहमति होने के पश्चात एक बार पुनः मैं आँखें बंद कर सोने का प्रयास करने लगी। अर्पण व अमित अभी भी मोबाइल में व्यस्त थे।
शाम की चाय पीने के बाद तैयार होकर हम लक्ष्मणझूले की ओर चल पड़े। ऑटोरिक्शा लेने का इरादा फिर छोड़ दिया कि पैदल घूमते हुए शहर देख लेंगे। बाजार से होते हुए आपस में बातचीत करते हम आगे लक्ष्मणझूले की तरफ बढ़ रहे थे कि हमने रास्ते में बहुत सी ऐसी जगह देंखी जहाँ रिवर-राफ्टिंग के लिये पर्यटकों को ले जाने का प्रबंध था। परन्तु ऐसा करने का अर्पण एवं अमित दोनों का मन नहीं था। बातों-बातों में रामसेतु पहले चलें, ऐसा सोचकर हम रामसेतु की ओर चल पड़े। किन्तु यहाँ से एक बार फिर मन बदला और हम सबसे पहले जानकी-सेतु की ओर आ गये।
जानकी सेतु ऋषिकेश में लक्ष्मण झूला और राम झूला के बाद गंगा नदी पर बना तीसरा पुल है। इस पुल के तीन हिस्से किए गए हैं। दो हिस्सों में दुपहिया वाहन और एक हिस्से में पैदल राहगीर व पर्यटक आवाजाही कर सकते हैं। इस पुल के खुल जाने से तीर्थनगरी ऋषिकेश को एक नई पहचान मिली है। पौड़ी व ऋषिकेश की जनता व पर्यटकों के पास पहले दो ही झूलों पर जाने का विकल्प था, लेकिन अब वे जानकी सेतु पुल पर भी सैर कर सकते हैं। पर्यटकों व स्थानीय लोगों के लिए इस पुल के तीन हिस्से किए गए हैं। दो हिस्सों में दुपहिया वाहन और एक हिस्से में पैदल राहगीर व पर्यटक आवाजाही कर सकेंगे।
जानकी सेतु पार करते हुए हम चलते-चलते उस रास्ते पर आ गये जो भगवान शिव के प्रसिद्ध मंदिर नीलकंठ महादेव की ओर जाता है। अर्पण पहले दो-तीन बार नीलकंठ महादेव मंदिर जा चुका था, अतः उसे रास्ते की पहचान भली-भांति होने के कारण वह यहाँ पहुँचकर कुछ उत्साहित सा हो गया और उसने सुझाव दिया कि कहीं ओर जाने से पहले हम इधर जंगल की तरफ चलें। शाम का मौसम पहाड़ी इलाके में वैसे भी कुछ अलग ही रूमानी सा एहसास कराता है और मुझे भी ऐसे किसी स्थान पर घूमने की इच्छा थी। इसलिए हम तीनों इधर जंगल की तरफ निकल पड़े।

(क्रमशः)
(पंचम भाग समाप्त)

रचनाकार :- कंचन खन्ना,
मुरादाबाद, (उ०प्र०, भारत) ।
सर्वाधिकार, सुरक्षित (रचनाकार) ।
दिनांक :- १८/०७/२०२२.

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