Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Mar 2024 · 1 min read

3187.*पूर्णिका*

3187.*पूर्णिका*
🌷 कुछ भी कह ले🌷
22 22
कुछ भी कह ले।
सब कुछ सह ले।।
रोज खुशी है ।
बन के रह ले।।
प्यार मिलेगा।
दिल से चह ले।।
ख्वाहिश पूरी ।
नद सा बह ले।।
राजा खेदू।
दुनिया दह ले।।
……..✍ डॉ .खेदूभारती”सत्येश”
26-03-2024मंगलवार

29 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सज्जन पुरुष दूसरों से सीखकर
सज्जन पुरुष दूसरों से सीखकर
Bhupendra Rawat
ये राज़ किस से कहू ,ये बात कैसे बताऊं
ये राज़ किस से कहू ,ये बात कैसे बताऊं
Sonu sugandh
मुझे आशीष दो, माँ
मुझे आशीष दो, माँ
Ghanshyam Poddar
ज़िदगी के फ़लसफ़े
ज़िदगी के फ़लसफ़े
Shyam Sundar Subramanian
तन प्रसन्न - व्यायाम से
तन प्रसन्न - व्यायाम से
Sanjay ' शून्य'
पुस्तक समीक्षा -राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
पुस्तक समीक्षा -राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
वो भ्रम है वास्तविकता नहीं है
वो भ्रम है वास्तविकता नहीं है
Keshav kishor Kumar
"जानो और मानो"
Dr. Kishan tandon kranti
धन्य हैं वो बेटे जिसे माँ-बाप का भरपूर प्यार मिलता है । कुछ
धन्य हैं वो बेटे जिसे माँ-बाप का भरपूर प्यार मिलता है । कुछ
Dr. Man Mohan Krishna
बाल कविता: 2 चूहे मोटे मोटे (2 का पहाड़ा, शिक्षण गतिविधि)
बाल कविता: 2 चूहे मोटे मोटे (2 का पहाड़ा, शिक्षण गतिविधि)
Rajesh Kumar Arjun
वाराणसी की गलियां
वाराणसी की गलियां
PRATIK JANGID
मैं खुश हूँ! गौरवान्वित हूँ कि मुझे सच्चाई,अच्छाई और प्रकृति
मैं खुश हूँ! गौरवान्वित हूँ कि मुझे सच्चाई,अच्छाई और प्रकृति
विमला महरिया मौज
*** तूने क्या-क्या चुराया ***
*** तूने क्या-क्या चुराया ***
Chunnu Lal Gupta
आज इस देश का मंजर बदल गया यारों ।
आज इस देश का मंजर बदल गया यारों ।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
बात-बात पर क्रोध से, बढ़ता मन-संताप।
बात-बात पर क्रोध से, बढ़ता मन-संताप।
डॉ.सीमा अग्रवाल
दो शब्द
दो शब्द
Ravi Prakash
अपनी सीरत को
अपनी सीरत को
Dr fauzia Naseem shad
मोहब्बत है अगर तुमको जिंदगी से
मोहब्बत है अगर तुमको जिंदगी से
gurudeenverma198
हरे कृष्णा !
हरे कृष्णा !
MUSKAAN YADAV
कुछ यूं मेरा इस दुनिया में,
कुछ यूं मेरा इस दुनिया में,
Lokesh Singh
मुझे  बखूबी याद है,
मुझे बखूबी याद है,
Sandeep Mishra
😊■रोज़गार■😊
😊■रोज़गार■😊
*Author प्रणय प्रभात*
चल अंदर
चल अंदर
Satish Srijan
2996.*पूर्णिका*
2996.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
आप की डिग्री सिर्फ एक कागज का टुकड़ा है जनाब
आप की डिग्री सिर्फ एक कागज का टुकड़ा है जनाब
शेखर सिंह
चाँद से मुलाकात
चाँद से मुलाकात
Kanchan Khanna
अपने वीर जवान
अपने वीर जवान
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
उस
उस"कृष्ण" को आवाज देने की ईक्षा होती है
Atul "Krishn"
रुपया-पैसा~
रुपया-पैसा~
दिनेश एल० "जैहिंद"
Loading...