प्रीत का रक्ष सूत्र
प्रीत के रक्ष सूत्र में गूँज रही बहना की है भावना
भाई मेरा पाये समृद्धि यही बहना की है कामना
मेघों की गर्जन के बीच , नहीं इस नेह का मोल
उमड़ता नेह सागर कहे , नहीं इस प्यार का तोल
भाई मेरा पाये तरक्की , यहीं बहना की मनो
कामना
पड़ती अवनि पर रिमझिम ,आकुल मन हरषाये
प्रीत गगन की धरा के साथ , झूम लताएं गाये
भाई मेरे हर वक्त साथ चलो ,नेह का हाथ थामना
भाई मेरे याद करो , बचपन के वो दिन सुहाने
माँ पापा की डाँट के बीच , अपने वो प्यारे बहाने
कर शरारतें मित्रों के साथ होता था जब सामना
वही रक्ष सूत्र देता है , आज भी मुझको दुलार
बस जिन्दगी भर बना रहे , भाई बहन का प्यार
यह राखी बाँधू हाथ में , बहन को अपनी न भूलना