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18 Jun 2023 · 1 min read

प्रीतम का चुकता उधार करदे ll

प्रियतमा तू दो का चार करदे l
प्रीतम का चुकता उधार करदे ll
तू झूठ का भी, एतबार करदे l
तू बेरुखी का, इतवार करदे ll

ये प्रीत जीवन सदा जियें जियें l
तू पल पल प्रीत त्यौहार करदे ll
प्रीत प्रीतम को सहज खुश करदे l
तू सब रकीबों पर वार करदे ll

मैं प्रीत से ना हटूं, ना भटकूँ l
तू जिन्दगी पर अधिकार करदे ll
सहज प्रीत प्यास उजागर करदे l
तू प्रीत नभ कर, बिन भार करदे ll

अरविन्द व्यास “प्यास”

Language: Hindi
1 Like · 189 Views
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