प्रीतघोष है प्रीत का, धड़कन में नव नाद ।
प्रीतघोष है प्रीत का, धड़कन में नव नाद ।
मुख मयंक पर लाज के, स्वरित हुए संवाद ।
धड़कन में रहता सदा, मधुर मिलन मकरंद –
आती है एकांत में, उसी नाद की याद।
सुशील सरना / 2-3-23
प्रीतघोष है प्रीत का, धड़कन में नव नाद ।
मुख मयंक पर लाज के, स्वरित हुए संवाद ।
धड़कन में रहता सदा, मधुर मिलन मकरंद –
आती है एकांत में, उसी नाद की याद।
सुशील सरना / 2-3-23