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22 Feb 2024 · 1 min read

प्रार्थना

प्रार्थना

नभ है तेरा है तेरी ही भू
नहीं सामने है मगर हर सू

दर्द दे चाहे आँख भर
दवा भी कर सकूं दे तू

लाचार न कर तेरे बंदे हैं हम
सर झुकाए कहें अपना है तू

प्यास सहरा सी बन गई
कतरे हैं हम सागर है तू

रहें घर बसे सजें रौनकें
ऐसी राहतों का सबब है तू

न बिछड़े कोई सदा के लिए
बस हाथ थामे रहे जो तू

कई सबक तूने सिखा दिए
मरहम की अब तो दुआ दे तू

सहमा हुआ हर शख़्स है
यही इल्तिजा हमें बख़्श तू ।

Language: Hindi
1 Like · 130 Views
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