Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Aug 2021 · 1 min read

प्रार्थना

दोहे
खुदा , गाॕड् , ईश्वर सभी , हैं तेरे शुभ नाम |
हे जग पति है कर रहा ,अवधू तुझे प्रणाम ||

अवधू विनती कर रहा , है प्रभु तुझसे एक |
आप इसे वर दें यही , कार्य करे यह नेक ||

हे प्रभु मेरे हृदय में ,करिए आप निवास |
काम, क्रोध , मद ,लोभ हो , मेरे मन से नास ||

संतों की संगति मिले, धन में हो ईमान |
मात्र यही वर दीजिए , हमको हे भगवान ||

हो इस जग से दुख विदा, सुख पावें सब लोग |
प्रभु ऐसा कर दीजिए , दुनिया रहे निरोग ||

अवध किशोर ‘अवधू’
मो.न.9918854285

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 260 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
3088.*पूर्णिका*
3088.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आया होली का त्यौहार
आया होली का त्यौहार
Ram Krishan Rastogi
मैं लिखता हूँ जो सोचता हूँ !
मैं लिखता हूँ जो सोचता हूँ !
DrLakshman Jha Parimal
प्रतीक्षा, प्रतियोगिता, प्रतिस्पर्धा
प्रतीक्षा, प्रतियोगिता, प्रतिस्पर्धा
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
दुनिया एक मेला है
दुनिया एक मेला है
VINOD CHAUHAN
संवेदना ही सौन्दर्य है
संवेदना ही सौन्दर्य है
Ritu Asooja
न जागने की जिद भी अच्छी है हुजूर, मोल आखिर कौन लेगा राह की द
न जागने की जिद भी अच्छी है हुजूर, मोल आखिर कौन लेगा राह की द
Sanjay ' शून्य'
"स्मरणीय"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं जीना सकूंगा कभी उनके बिन
मैं जीना सकूंगा कभी उनके बिन
कृष्णकांत गुर्जर
आओ बुद्ध की ओर चलें
आओ बुद्ध की ओर चलें
Shekhar Chandra Mitra
कोशिश
कोशिश
विजय कुमार अग्रवाल
#मेरे_दोहे
#मेरे_दोहे
*Author प्रणय प्रभात*
खुद पर यकीन करके
खुद पर यकीन करके
Dr fauzia Naseem shad
NEEL PADAM
NEEL PADAM
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
काव्य भावना
काव्य भावना
Shyam Sundar Subramanian
दिल तड़प उठता है, जब भी तेरी याद आती है,😥
दिल तड़प उठता है, जब भी तेरी याद आती है,😥
SPK Sachin Lodhi
*मुर्गा की बलि*
*मुर्गा की बलि*
Dushyant Kumar
* वक्त की समुद्र *
* वक्त की समुद्र *
Nishant prakhar
सौंदर्य मां वसुधा की
सौंदर्य मां वसुधा की
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
अपनी चाह में सब जन ने
अपनी चाह में सब जन ने
Buddha Prakash
अगर आपमें मानवता नहीं है,तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप क
अगर आपमें मानवता नहीं है,तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप क
विमला महरिया मौज
वर्ष तिरासी से अब तक जो बीते चार दशक
वर्ष तिरासी से अब तक जो बीते चार दशक
Ravi Prakash
उड़ रहा खग पंख फैलाए गगन में।
उड़ रहा खग पंख फैलाए गगन में।
surenderpal vaidya
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
When we constantly search outside of ourselves for fulfillme
When we constantly search outside of ourselves for fulfillme
Manisha Manjari
मन को मना लेना ही सही है
मन को मना लेना ही सही है
शेखर सिंह
वक्त-ए-रूखसती पे उसने पीछे मुड़ के देखा था
वक्त-ए-रूखसती पे उसने पीछे मुड़ के देखा था
Shweta Soni
कचनार kachanar
कचनार kachanar
Mohan Pandey
तुकबन्दी अब छोड़ो कविवर,
तुकबन्दी अब छोड़ो कविवर,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जवानी
जवानी
Pratibha Pandey
Loading...