पापा का संघर्ष, वीरता का प्रतीक,
कविता: सजना है साजन के लिए
" है वही सुरमा इस जग में ।
I hope one day the clouds will be gone, and the bright sun will rise.
बाल नहीं खुले तो जुल्फ कह गयी।
टूटी हुई उम्मीद की सदाकत बोल देती है.....
Kohre ki bunde chhat chuki hai,
पुरुष चाहे जितनी बेहतरीन पोस्ट कर दे
मुस्कुरा देने से खुशी नहीं होती, उम्र विदा देने से जिंदगी नह
जय जय नंदलाल की ..जय जय लड्डू गोपाल की"
*कोटा-परमिट का मिला ,अफसर को हथियार* *(कुंडलिया)*
चौथ मुबारक हो तुम्हें शुभ करवा के साथ।
सबसे प्यारा सबसे न्यारा मेरा हिंदुस्तान
पुस्तक विमर्श (समीक्षा )- " साये में धूप "
पिछले 4 5 सालों से कुछ चीजें बिना बताए आ रही है
23/47.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*