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11 Aug 2023 · 1 min read

तुकबन्दी अब छोड़ो कविवर,

तुकबन्दी अब छोड़ो कविवर,
कुछ धन्धे की बात करो
ख़ाली-पीली मौज उड़ाकर,
ख़त्म न यूँ दिन रात करो
—महावीर उत्तरांचली

1 Like · 358 Views
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