प्रहरी किसान
खेत में किसान ,
सीमा पर जवान,
देते देशभक्ति का पैगाम ।
पसी बहा
फसल पकाता,
खून बहा कर,
रक्षा करता।
रात अंधेरे सीमा की रक्षा
रातों-रात अन्न उगाता,
खून सीच फसल पकाता ।
प्राण निछावर भक्ति करता,
मां की सूनी गोद छोड़,
सेवा में गुजारता।
घर परिवार छोड़,
विषधारीयोसे लड़ता
जज्बा बुलंद,।
हौसला बुलंद।
अपने लक्ष्यों में लीन ।
एक एक बूंद एक एक कतरा,
भारत माता को अर्पण।
दुश्मनों को धूल चटा देंगे।
करो नमन देशवासी
जय जवान जय किसान।
“”””””””””अंशु कवि”””””””””