“प्रश्न-शेष”
“प्रश्न-शेष”
घास-फूस और लकड़ियों के
अब बचे हैं अवशेष,
गाँवों में अब भी चेलिक हैं
और मोटियारिनें भी
मगर घोटुल में नहीं रहने से
रह जाता प्रश्न-शेष।
“प्रश्न-शेष”
घास-फूस और लकड़ियों के
अब बचे हैं अवशेष,
गाँवों में अब भी चेलिक हैं
और मोटियारिनें भी
मगर घोटुल में नहीं रहने से
रह जाता प्रश्न-शेष।