प्यासी चिड़िया
प्यासी चिड़िया
यात्रा १४/१३
दिवस ऊष्मित ग्रीष्म ऋतु में
जल- जल मर रहा शरीर
तीक्ष्ण प्यास उर अंतर में
बंधे न बंधता धीर।
शिथिल पर- पर उड़ ना पाऊं
दूर दिखे मोहे उदक
कैसे निज प्यास बुझाऊं
जियरा तो बोले फुदक।
तीरे बैठ मैं निहारुं
जल सूझे निज तस्वीर
हूं मैं या कोई और
हिय अंतर चलते तीर ।
ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर हि० प्र०