प्यार भी मानसून हो जाए —-
प्यार भी मानसून हो जाये.
फरबरी बाद जून हो जाये.
तुमको चाहूँ किसी अदा से मैं,
इश्क मेरा जूनून हो जाए.
झूठ ना बोलना पड़े इतना,
ज़िन्दगी में सुकून हो जाए.
या खुदा वो कभी मुहब्बत से,
आज कॉटन कल ऊन हो जाए.
बाद मिन्नत के सोचता हूँ मैं,
उसका गुस्सा बलून हो जाए.
फूल ये सोचकर नहीं तोड़े,
मेरे हाथों न खून हो जाए.
मैं उसे देखता रहा छुपकर,
दिल को थोड़ा सुकून हो जाए.
…..सुदेश कुमार मेहर