….प्यार की सुवास….
प्रेम एक पूर्ण एहसास है। विकल हृदयों कि आस है।।
कोयल की मीठी कूक सी
उदित तिमिर में तड़ित सी
खिली अनछुई गुलाब में
छाई पावन सी सुवास है। प्रेम एक पूर्ण एहसास है॥
पत्तों पर ओस की बूंद सी
प्रात: की नवल किरण सी
स्वछंद विचरती तितलियों के
फैली रमणिय उल्लास है। प्रेम एक पूर्ण एहसास है॥
दिल के अजब हलचल सी
वीणा के मधुर तान सी
बिखरती स्वर लहरियों में
प्रेम संगीत का उद्गार है। प्रेम एक पूर्ण एहसास है॥
हिम के धवल शिखर सी
बहते निर्झर के नीर सी
उर में पुष्पित सुमन के
चाहते शबाब की मिठास है। प्रेम एक पूर्ण एहसास है॥
नव उगते कोंपल सी
भादों की पूर्ण चांद सी
अविच्छिन्न रश्मियों में
शीतल मधुर सी प्रकाश है। प्रेम एक पूर्ण एहसास है॥
लौटते विहग की कलरव सी
सावन की प्रथम फुहार सी
अदभुत प्रीत की उन्माद में
प्रियतम मिलन की आस है। प्रेम एक पूर्ण एहसास है॥
अखंडित नीले अबंर सी
मंदिर में जलते दीप सी
प्रीत की अनलिखी पाती में
सुखे अधरों की प्यास है। प्रेम एक पूर्ण एहसास है॥
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