प्यार की दास्तां
न तुम कुछ कह सके,
न हम कुछ कह सके।
दिल की बात दिल में रही,
दोनो की होठ न खुल सके।।
न तुम मिल सके,
न हम मिल सके।
बंदिशे इतनी थी,
दोनो विरोध न कर सके।।
न तुम चल सके,
न हम चल सके।
मंजिले पास थी,
दोनो हम न मिल सके।।
न तुम समझ सके,
न हम समझ एसके।
संकेत दोनो देते रहे,
दोनो रात भर तड़पते रहे।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम