Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Oct 2024 · 1 min read

प्यार और धोखा

Dhokha aur pyar

प्यार का धोखा इक हिसाब से अच्छा लगा
कुछ देर का मिलना उस यार से अच्छा लगा

कोई बात रही होगी कह कर मुकर जाने की
इंकार कहने का छोटा सा संवाद अच्छा लगा

न चल सका आगे , इसकी है तकलीफ़ कुछ
पर इस प्यार का आग़ाज़ देर तक अच्छा लगा

नहीं होती हर प्यार की उम्र मुक़ाम तक पहुँचे
ये अधूरा सा सफ़र कई मायने में अच्छा लगा

22 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Rajeev Jain
View all
You may also like:
तुझे कसम है मोहब्बत की लौटकर आजा ।
तुझे कसम है मोहब्बत की लौटकर आजा ।
Phool gufran
मां को शब्दों में बयां करना कहां तक हो पाएगा,
मां को शब्दों में बयां करना कहां तक हो पाएगा,
Preksha mehta
*जिंदगी के अनोखे रंग*
*जिंदगी के अनोखे रंग*
Harminder Kaur
सरस्वती माँ ज्ञान का, सबको देना दान ।
सरस्वती माँ ज्ञान का, सबको देना दान ।
जगदीश शर्मा सहज
बरसात
बरसात
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
जिस प्रकार लोहे को सांचे में ढालने पर उसका  आकार बदल  जाता ह
जिस प्रकार लोहे को सांचे में ढालने पर उसका आकार बदल जाता ह
Jitendra kumar
तुम      चुप    रहो    तो  मैं  कुछ  बोलूँ
तुम चुप रहो तो मैं कुछ बोलूँ
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
कल में कल की कल्पना,
कल में कल की कल्पना,
sushil sarna
"अनुत्तरित"
Dr. Kishan tandon kranti
मुझको इंतजार है उसका
मुझको इंतजार है उसका
gurudeenverma198
“प्रजातांत्रिक बयार”
“प्रजातांत्रिक बयार”
DrLakshman Jha Parimal
दौलत नहीं, शोहरत नहीं
दौलत नहीं, शोहरत नहीं
Ranjeet kumar patre
आप काम करते हैं ये महत्वपूर्ण नहीं है, आप काम करने वक्त कितन
आप काम करते हैं ये महत्वपूर्ण नहीं है, आप काम करने वक्त कितन
Ravikesh Jha
श्रमिक दिवस
श्रमिक दिवस
Bodhisatva kastooriya
प्रेम
प्रेम
Satish Srijan
प्रेम का असली सौंदर्य तो प्रतीक्षा में दिखता है, जहां धैर्य
प्रेम का असली सौंदर्य तो प्रतीक्षा में दिखता है, जहां धैर्य
पूर्वार्थ
एक अबोध बालक
एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
गहरी हो बुनियादी जिसकी
गहरी हो बुनियादी जिसकी
कवि दीपक बवेजा
संवेदनाओं का भव्य संसार
संवेदनाओं का भव्य संसार
Ritu Asooja
आसमान की छोड़ धरा की बात करो।
आसमान की छोड़ धरा की बात करो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मेरी जिंदगी सजा दे
मेरी जिंदगी सजा दे
Basant Bhagawan Roy
गले लगाना है तो उस गरीब को गले लगाओ साहिब
गले लगाना है तो उस गरीब को गले लगाओ साहिब
कृष्णकांत गुर्जर
#संघ_शक्ति_कलियुगे
#संघ_शक्ति_कलियुगे
*प्रणय*
4338.*पूर्णिका*
4338.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*पहले वाले  मन में हैँ ख़्यालात नहीं*
*पहले वाले मन में हैँ ख़्यालात नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
इंसान इंसानियत को निगल गया है
इंसान इंसानियत को निगल गया है
Bhupendra Rawat
कायदों की बेड़ियों
कायदों की बेड़ियों
Chitra Bisht
*झूठ-मूठ जो मन में आए, कहना अच्छी बात नहीं (हिंदी गजल)*
*झूठ-मूठ जो मन में आए, कहना अच्छी बात नहीं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
* मुक्तक *
* मुक्तक *
surenderpal vaidya
मुझमें गांव मौजूद है
मुझमें गांव मौजूद है
अरशद रसूल बदायूंनी
Loading...