*खिलौना आदमी है बस, समय के हाथ चाभी है (हिंदी गजल)*
खिलौना आदमी है बस, समय के हाथ चाभी है (हिंदी गजल)
_________________________
( 1)
समय होता कभी अच्छा, कभी होता बुरा भी है
खिलौना आदमी है बस, समय के हाथ चाभी है
(2)
कभी रूदन समय ने ही, किया है फिर हँसा भी है
समय से आदमी उठता, समय से ही गिरा भी है
(3)
समय जब मात देता है, शहंशाहों के घर फाका
समय राजा बनाता है, सुनाता यह सजा भी है
(4)
समय देता बधाई है, समय फटकारता भी है
समय अभिशाप जैसा भी, समय लगता दुआ भी है
(5)
समय के रंग दुनिया में, सभी ने इस तरह देखे
समय दुख से थका-हारा, खुशी से नाचता भी है
_________________________
रचयिता :रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451