“बरसात प्यारी-प्यारी”
घर की मुंडेर पर,बादल आए है
छोटी-छोटी बूंदों से बरसात लाए है,
बरसात बादलों की मां हैं,
बरसात प्यारी-प्यारी आती हैं।
हल्के बड़े सब बदलो को पालती हैं।
बरसात के साथ तड़क तड़क भी आती,
अपने स्कूल भी बंद कराती है।
हम जल्दी जल्दी घर आते,
बरसात प्यारी-प्यारी आती हैं।
भर-भर नदियां उफनाती है।
आंगन भर मिट्टी बह कर आती,
पानी-पानी देख कागज की नाव उतर जाती है।
पानी की धार चली जाती,
लंबी-लंबी टेड़ी-मेड़ी सड़क बनाती हैं
बरसात प्यारी-प्यारी आती हैं।
चिड़ियां चह चहाती घोंसले से बाहर आती,
अपने बच्चों को लेकर उड़ जाती हैं।
हवा भी तेज-तेज आती,
गांव शहर का कचड़ा एकत्र कर जाती हैं।
बरसात प्यारी प्यारी आती हैं।
बरसात में छत भी पूरी भर जाती,
फिर एक धार झरने जैसे गिराती है
मुन्ना मुनिया खूब मचलते,
मुनिया भी उछल कूद कर खूब नहाती हैं
बरसात प्यारी-प्यारी आती हैं।
लगी-लगी झड़ी लगी बौछारों की,
खड़-खड़ पत्तों की की बारात आती है।
घर,गलियां,आंगन आंगन भींग गए,
बरसात प्यारी-प्यारी आती है।।