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8 Jun 2023 · 1 min read

पृथ्वी

हमारी पृथ्वी

दोस्तों अपना हाल अब ऐसा हो रहा,
अपने ही किए पर अब सिर धुन रहा।

जो सुन्दर पृथ्वी पूर्वजों ने बसाई,
वो मानव ने स्वार्थ की भैंट चढ़ाई।

हरियाली तो मानो जैसे हवा हो गई ,
किताबों व पोस्टरों की शोभा बन गई ।

प्रदूषण का प्रभाव वातावरण को खा रहा,
दूषित वायु ,साँस लेना भी दूभर हो रहा ।

अभियान चाहें हम कितने भी चलाएँ ,
प्रदूषण के दानव से खुद को कैसे बचाएँ!

मन को अपने इतना समझाओ ,
धरती माँ को हरा भरा बनाओ।

हरित क्रांति है खुशी का समावेश,
हरा भरा रहेगा सदा अपना देश।

जागरूकता पृथ्वी के प्रति जगाओ,
देश को खुशहाली की राह ले जाओ।

नीरजा शर्मा

Language: Hindi
219 Views
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