पुत्रवधु
✒️?जीवन की पाठशाला ?️
मेरे द्वारा स्वरचित मेरी आठवीं कविता
विषय – पुत्रवधु
आज फिर एक पुत्रवधु को जलाया गया
आज फिर एक पुत्रवधु को घर से निकाला गया
आज फिर एक पिता समान ससुर द्वारा पुत्रवधु को नोंचा गया
आज फिर एक भाई समान जेठ /देवर द्वारा पुत्रवधु को रौंदा गया-1
क्या पुत्रवधु एक कबाड़ है जिसे जलाया जाता है
क्या पुत्रवधु बैंक खाता है जिसके खाली होने पर घर से निकाला जाता है
क्या ससुर को पिता तुल्य मानना अपराध है जो उसे नोंचा जाता है
क्या जेठ /देवर को मात्र राखी नहीं बाँधने से उसे रौंदा जाता है -2
इतिहास गवाह है की सास पुत्रवधु की सबसे बड़ी दुश्मन
इतिहास गवाह है की नन्द और जेठानी सास के दो बाजु
क्यों एक पुरानी पुत्रवधु नई पुत्रवधु की दुश्मन
अभी तक बना हुआ है पहेली ये प्रश्न -3
पुत्रवधु की एक गलती भी अस्वीकार
पुत्र की अनगिनत गलती भी स्वीकार
पुत्री 10 बजे भी सोकर उठे तो स्वीकार
पुत्रवधु को थोड़ी भी देर हो जाए तो अस्वीकार -4
पुत्र की गलती पर अभी बच्चा है का पर्दा है
पुत्रवधु की गलती पर संस्कार गलत का गर्दा है
पुत्र निकम्मा नाकाबिल तो भी थक जाता है
पुत्रवधु घर ऑफिस सम्हाल कर भी रोबोट है -5
हम क्यों नहीं समझते इन चापलूसों की भाषा
की हम बहु नहीं बेटी ले जा रहे हैं
की बेटी की आड़ में बेटा पैदा करने की मशीन ले जा रहे हैं
की बेटी की आड़ में नौकरानी मुफ्त की ले जा रहे हैं -6
पुत्र बीमार तो डॉक्टर के चक्कर और दवाइयों की भरमार
पुत्रवधु बीमार तो देशी घरेलु नुस्खों की बहार
पुत्र शारीरिक कमजोर तो भी पुत्रवधु दोषी
कब तक होती रहेगी पुत्रवधु की पेशी -7
कब हम समझेंगे की वो भी है किसी बगिया का फूल
कब हम समझेंगे की वो भी है किसी माँ बाप की नाजुक कली
कब हम समझेंगे की वो भी है छोटी की सहेली
कब हम उसको एक इंसान समझेंगे -कब आखिर कब -8
बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!
?सुप्रभात?
स्वरचित एवं स्वमौलिक
“?विकास शर्मा’शिवाया ‘”?
जयपुर-राजस्थान