पिता
मृदु भावों की भाषा है
प्रेम की अभिलाषा है
धुप में पेड़ की छाँव पिता
निराशा में भी आशा है
माता है जीवन का सार तो
पिता है जीवन का आधार
पिता के होने से हिम्मत है तो
जीवन लेती उनसे आकार
मृदु भावों की भाषा है
प्रेम की अभिलाषा है
धुप में पेड़ की छाँव पिता
निराशा में भी आशा है
माता है जीवन का सार तो
पिता है जीवन का आधार
पिता के होने से हिम्मत है तो
जीवन लेती उनसे आकार