पिता बना हूं।
पिता बना हूं तो पिता का दर्द महसूस हुआ।
वरना अभी तक तो पुत्र बनकर ही जीवन जिया।।1।।
बड़ी जिम्मेदारियां होती है पिता के कंधों पे।
मेरे पिताजी ने प्रत्येक ज़िम्मेदारी को पूर्ण किया।।2।।
तन,मन,धन से पिता परिवार को बनाता है।
मेरे पिताजी ने प्रत्येक ह्रदय को खुशियों से भरा।।3।।
पिता की कोमल कठोरता कभी ना समझा।
अब पता चला जब मैं स्वयं यूं पुत्र का पिता बना।।3।।
धरा पर पुत्र हित में पिता जैसा रिश्ता नही।
पिता सदैव प्रत्येक स्थिति में भगवान जैसा बना।।4।।
अभी से मैने जाने कितने पुत्र स्वप्न संजोए है।
मेरे पिता ने प्रत्येक स्वप्न को उड़ने का पंख दिया।।5।।
मेरी खातिर पिता ने जानें कितने दंश सहे।
ऐसे पिता बनके पिता ने मेरा जीवन धन्य किया।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ