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1 May 2022 · 1 min read

पिता के सपनों की दुनिया

पिता के सपनों की दुनिया
—————————
रंग बिरंगी ,सतरंगी इन्द्र धनुष सी,
पिता के सपनों की दुनिया।
जिसमें क ई दास्तान हैं,
उम्मीदों का आसमान है।
रंग बिरंगी पिता कि दुनिया—-
जो पल गुजर गया,
बस!यादें हैं बाकी–
कुछ दर्द दिल में हैं ,
ख्वाइशें हैं बाकी ।
अरमान कई अधूरें हैं,
जो जीवन में करना है बाकी।।
रंग बिरंगी पिता के सपनों कि दुनिया—
गुलशन में कई तरह के फूल खिला,
महकाना है अपनी बगिया को।
माली हो तुम बागवां के,
जैसे भी हों तुम सतरंगी फूल खिलाओ।
रंग बिरंगी पिता के सपनों कि दुनिया–
बच्चों के जीवन में कुसुम-कलिका
खिलाकर।
पल्लवित करदो जीवन सारा,
हरा-भरा रहे घर आंगन!!
रंग बिरंगी ,पिता के
सपनों की दुनिया——

सुषमा सिंह *उर्मि,,
कानपुर

1 Like · 1 Comment · 132 Views
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