पिता की याद
पिता की याद
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हर रोज आपकी याद आती है,
तो आंखें मेरी छलक जाती हैं।
याद बहुत आते हो पापा—-
मन की वेदना जब उमड़ आती है,
तो बचपन की यादों की ,
सौगात ले आती है।
तुम याद बहुत आते हो—–
बहुत अपने को समझातें हैं,
कि!अब नहीं हो दुनिया में तुम–
फिर भी विश्वास नहीं होता,
इस जहां में नहीं हो तुम !!
याद बहुत आते हो पापा——
आपके जाने से चलीं गई खुशियां,
घर की रौनक चली गई।
तुम जहां भी हो,
मेरे पापा!अमन, चैन से रहना ।।
याद बहुत आते हो पापा——
सुषमा सिंह *उर्मि,,
कानपुर