पिता अम्बर हैं इस धारा का
पिता अम्बर हैं इस धारा का
मैं हूं उनकी नन्ही परी
पिता जादूगर हैं मेरी दुनिया की
मैं हूं उनकी जादू की छड़ी
पिता अरमां है मेरे सपने के
मैं हूं उनकी खुशियों की झड़ी
बिन मुझे देखें, उनकी सुबह-शाम ना होती
जैसे मैं हूं खुशियों की जादुई दर्पण उनकी
पिता समुद्र हैं मेरी खुशियों की
मैं हूं उनकी जल परी
पिता ज्ञान दीप है मेरे संस्कार की
मैं हूं उनकी अभिमान रानी
पिता मेरे जीवन की पहचान है
मैं हूं उनकी बिटिया रानी।
पिता मेरे होंठों की मुस्कान हैं
मैं हूं उनकी बाल परी
नीतू साह
हुसेना बंगरा, सीवान-बिहार