बकरे की कुर्बानी
बकरे की मां कब तक खैर मनाएगी ,
कभी न कभी उसकी संतान मारी जायेगी ।
वोह क्या जाने इंसानों की तबियत को ,
वो तो मात्र भोजन है उनका ,जीव नहीं ,
जब जब तलब होगी उनकी जुबान को ,
उनके सदके एक जान कुर्बान कर दी जाएगी ।
बकरे की मां कब तक खैर मनाएगी ,
कभी न कभी उसकी संतान मारी जायेगी ।
वोह क्या जाने इंसानों की तबियत को ,
वो तो मात्र भोजन है उनका ,जीव नहीं ,
जब जब तलब होगी उनकी जुबान को ,
उनके सदके एक जान कुर्बान कर दी जाएगी ।