Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Dec 2023 · 1 min read

*पाते हैं सौभाग्य से, पक्षी अपना नीड़ ( कुंडलिया )*

पाते हैं सौभाग्य से, पक्षी अपना नीड़ ( कुंडलिया )
_________________________________
पाते हैं सौभाग्य से , पक्षी अपना नीड़
मानव को कब घर मिला ,मिलती केवल भीड़
मिलती केवल भीड़ , अभागे फुटपाथों पर
रहे घुमंतू रोज , टिके रहते हाथों पर
कहते रवि कविराय , सुखी दिखने में आते
कोठी आलीशान , किंतु घर कब बन पाते
——————————————————
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
—————————————————-
नीड़ = घोंसला

209 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
परीलोक से आई हो 🙏
परीलोक से आई हो 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जीवन शैली का स्वास्थ्य पर प्रभाव
जीवन शैली का स्वास्थ्य पर प्रभाव
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
🔱🔱जय जय मां भवानी - जय मां शैलपुत्री- हैप्पी नवरात्रि।🔱🔱
🔱🔱जय जय मां भवानी - जय मां शैलपुत्री- हैप्पी नवरात्रि।🔱🔱
Rj Anand Prajapati
लगाकर तू दिल किसी से
लगाकर तू दिल किसी से
gurudeenverma198
*अध्याय 12*
*अध्याय 12*
Ravi Prakash
मैं अशुद्ध बोलता हूं
मैं अशुद्ध बोलता हूं
Keshav kishor Kumar
" प्रिये की प्रतीक्षा "
DrLakshman Jha Parimal
इंसानियत की लाश
इंसानियत की लाश
SURYA PRAKASH SHARMA
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
परमात्मा
परमात्मा
ओंकार मिश्र
संकल्प
संकल्प
Davina Amar Thakral
" उड़ान "
Dr. Kishan tandon kranti
दिल में इश्क भरा है
दिल में इश्क भरा है
Surinder blackpen
जीवन में
जीवन में
Dr fauzia Naseem shad
Beginning of the end
Beginning of the end
Bidyadhar Mantry
"" *प्रताप* ""
सुनीलानंद महंत
बात सीधी थी
बात सीधी थी
Dheerja Sharma
आसान नहीं
आसान नहीं
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
🙅अजब संयोग🙅
🙅अजब संयोग🙅
*प्रणय*
दोपाया
दोपाया
Sanjay ' शून्य'
*चिंता और चिता*
*चिंता और चिता*
VINOD CHAUHAN
दाढ़ी में तेरे तिनका है, ओ पहरे करने वाले,
दाढ़ी में तेरे तिनका है, ओ पहरे करने वाले,
ओसमणी साहू 'ओश'
चंदन का टीका रेशम का धागा
चंदन का टीका रेशम का धागा
Ranjeet kumar patre
4914.*पूर्णिका*
4914.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ये अलग बात है
ये अलग बात है
हिमांशु Kulshrestha
6. *माता-पिता*
6. *माता-पिता*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
https://j88tut.com
https://j88tut.com
j88tut
आज के रिश्ते में पहले वाली बात नहीं रही!
आज के रिश्ते में पहले वाली बात नहीं रही!
Ajit Kumar "Karn"
धार तुम देते रहो
धार तुम देते रहो
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
पत्थर दिल समझा नहीं,
पत्थर दिल समझा नहीं,
sushil sarna
Loading...