अमोध अस्त्र…
अमोध अस्त्र…
स्त्री के सामने उसके नैहर की बड़ाई,
पुरुष के सामने उसके घर की बड़ाई।
जबरदस्त ही नही अमोघ अस्त्र है…
लेखक के सामने उसके लेख की बड़ाई,
कवि के सामने उसके कविता की बड़ाई।
जबरदस्त ही नही अमोघ अस्त्र है…
अभियंता के सामने उसके काम की बड़ाई,
वकील के सामने उसके वकालत की बड़ाई।
जबरदस्त ही नही अमोघ अस्त्र है…
नेताओं के सामने उसकी बड़ाई,
अधिकारियों के सामने उसकी बड़ाई।
जबरदस्त ही नही अमोध अस्त्र है…
©✍️ शशि धर कुमार