Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Apr 2024 · 1 min read

“पवित्र पौधा”

“पवित्र पौधा”
दुनिया में सबसे पवित्र पौधा विश्वास का होता है, जो जमीन में नहीं बल्कि इंसान के दिलों में उगता है।

1 Like · 1 Comment · 19 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
मेहनतकश अवाम
मेहनतकश अवाम
Shekhar Chandra Mitra
मुक्तक
मुक्तक
कृष्णकांत गुर्जर
"बदलाव"
Dr. Kishan tandon kranti
नारी टीवी में दिखी, हर्षित गधा अपार (हास्य कुंडलिया)
नारी टीवी में दिखी, हर्षित गधा अपार (हास्य कुंडलिया)
Ravi Prakash
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"हल्के" लोगों से
*Author प्रणय प्रभात*
भ्रष्टाचार ने बदल डाला
भ्रष्टाचार ने बदल डाला
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Love and truth never hide...
Love and truth never hide...
सिद्धार्थ गोरखपुरी
*स्वर्ग तुल्य सुन्दर सा है परिवार हमारा*
*स्वर्ग तुल्य सुन्दर सा है परिवार हमारा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
!! शब्द !!
!! शब्द !!
Akash Yadav
फितरत
फितरत
Dr.Priya Soni Khare
तुम्हे शिकायत है कि जन्नत नहीं मिली
तुम्हे शिकायत है कि जन्नत नहीं मिली
Ajay Mishra
जी-२० शिखर सम्मेलन
जी-२० शिखर सम्मेलन
surenderpal vaidya
श्रेष्ठ बंधन
श्रेष्ठ बंधन
Dr. Mulla Adam Ali
मां जब मैं तेरे गर्भ में था, तू मुझसे कितनी बातें करती थी...
मां जब मैं तेरे गर्भ में था, तू मुझसे कितनी बातें करती थी...
Anand Kumar
मैं धरा सी
मैं धरा सी
Surinder blackpen
अपना भी एक घर होता,
अपना भी एक घर होता,
Shweta Soni
जय बोलो मानवता की🙏
जय बोलो मानवता की🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
पिताश्री
पिताश्री
Bodhisatva kastooriya
लीकछोड़ ग़ज़ल / MUSAFIR BAITHA
लीकछोड़ ग़ज़ल / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
लगाकर मुखौटा चेहरा खुद का छुपाए बैठे हैं
लगाकर मुखौटा चेहरा खुद का छुपाए बैठे हैं
Gouri tiwari
हाँ, वह लड़की ऐसी थी
हाँ, वह लड़की ऐसी थी
gurudeenverma198
Jo milta hai
Jo milta hai
Sakshi Tripathi
कोई शिकवा है हमसे
कोई शिकवा है हमसे
कवि दीपक बवेजा
💐प्रेम कौतुक-555💐
💐प्रेम कौतुक-555💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
⚘छंद-भद्रिका वर्णवृत्त⚘
⚘छंद-भद्रिका वर्णवृत्त⚘
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
दूर हमसे वो जब से जाने लगे हैंं ।
दूर हमसे वो जब से जाने लगे हैंं ।
Anil chobisa
आलोचक सबसे बड़े शुभचिंतक
आलोचक सबसे बड़े शुभचिंतक
Paras Nath Jha
आज तुम्हारे होंठों का स्वाद फिर याद आया ज़िंदगी को थोड़ा रोक क
आज तुम्हारे होंठों का स्वाद फिर याद आया ज़िंदगी को थोड़ा रोक क
पूर्वार्थ
एहसास.....
एहसास.....
Harminder Kaur
Loading...