Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2024 · 1 min read

परोपकार

परोपकार

तू अकेला चल कहाँ तक जाएगा
अकेला था अकेला ही रह जाएगा
सहारा बन मनोबल बन सबका
तू उत्थान खुद का भी कर जाएगा ।

तू अकेला चल कहाँ तक जाएगा
अकेला था अकेला ही रह जाएगा
राह बन राहगीर बन सबका
तू मंज़िल खुद की भी पा जाएगा ।

तू अकेला चल कहाँ तक जाएगा
अकेला था अकेला ही रह जाएगा
आशा बन रौशनी बन सबकी
तू खुद का जहाँ भी रौशन कर जाएगा ।

तू अकेला चल कहाँ तक जाएगा
अकेला था अकेला ही रह जाएगा
छत बन आसरा बन सबका
तू खुद का आशियान बसा पाएगा ।

तू अकेला चल कहाँ तक जाएगा
अकेला था अकेला ही रह जाएगा
दुआ बन दवा बन सबकी
तू परोपकार का अमृत्व पा जाएगा ।

रुपाली भारद्वाज

Language: Hindi
53 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Roopali Sharma
View all
You may also like:
प्रेम
प्रेम
Kshma Urmila
ତାଙ୍କଠାରୁ ଅଧିକ
ତାଙ୍କଠାରୁ ଅଧିକ
Otteri Selvakumar
संसाधन का दोहन
संसाधन का दोहन
Buddha Prakash
कमियाॅं अपनों में नहीं
कमियाॅं अपनों में नहीं
Harminder Kaur
अरे वो ज्यादा से ज्यादा क्या होगा
अरे वो ज्यादा से ज्यादा क्या होगा
Keshav kishor Kumar
कानून अंधा है
कानून अंधा है
Indu Singh
सामाजिक बहिष्कार हो
सामाजिक बहिष्कार हो
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
बरगद और बुजुर्ग
बरगद और बुजुर्ग
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मुझको आश्चर्य होता है यह देखकर
मुझको आश्चर्य होता है यह देखकर
gurudeenverma198
क्या आजाद हैं हम ?
क्या आजाद हैं हम ?
Harminder Kaur
विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता
विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
स्वदेशी कुंडल ( राय देवीप्रसाद 'पूर्ण' )
स्वदेशी कुंडल ( राय देवीप्रसाद 'पूर्ण' )
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
हिंदी की भविष्यत्काल की मुख्य क्रिया में हमेशा ऊँगा /ऊँगी (य
हिंदी की भविष्यत्काल की मुख्य क्रिया में हमेशा ऊँगा /ऊँगी (य
कुमार अविनाश 'केसर'
श्री राम आ गए...!
श्री राम आ गए...!
भवेश
*वह महासमर का नायक है, जो दुश्मन से टकराता है (राधेश्यामी छं
*वह महासमर का नायक है, जो दुश्मन से टकराता है (राधेश्यामी छं
Ravi Prakash
वो गुलशन सा बस बिखरता चला गया,
वो गुलशन सा बस बिखरता चला गया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नमाज़ों का पाबंद होकर के अपने
नमाज़ों का पाबंद होकर के अपने
Nazir Nazar
"मेहंदी"
Shashi kala vyas
प्रेम जीवन धन गया।
प्रेम जीवन धन गया।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
रुत चुनावी आई🙏
रुत चुनावी आई🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
न जुमला, न आरोपों की राजारानी चाहिए।
न जुमला, न आरोपों की राजारानी चाहिए।
Sanjay ' शून्य'
किसी ने कहा- आरे वहां क्या बात है! लड़की हो तो ऐसी, दिल जीत
किसी ने कहा- आरे वहां क्या बात है! लड़की हो तो ऐसी, दिल जीत
जय लगन कुमार हैप्पी
आप जीवित इसलिए नही है की आपको एक दिन मरना है बल्कि आपको यह ज
आप जीवित इसलिए नही है की आपको एक दिन मरना है बल्कि आपको यह ज
Rj Anand Prajapati
दुनिया मे नाम कमाने के लिए
दुनिया मे नाम कमाने के लिए
शेखर सिंह
2819. *पूर्णिका*
2819. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
फिर वही
फिर वही
हिमांशु Kulshrestha
..
..
*प्रणय प्रभात*
सबसे दूर जाकर
सबसे दूर जाकर
Chitra Bisht
दिल का गुस्सा
दिल का गुस्सा
Madhu Shah
"निगाहें"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...