Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Apr 2024 · 1 min read

2122 1212 22/112

2122 1212 22/112
क्यों ये अहसास फिर हुआ एसा
कोई है याद मुझे लगा एसा

भूल के भी भुला नहीं पाए
होठों पे नाम है कहां एसा

है मुहब्बत हमें पता उनको
फिर मिलेगा नहीं भला एसा

मान जाते हैं बात को मेरी
इक ही पल में असर हुआ एसा

इश्क़ होगा “जुबैर” को कैसे
वो दिवाना लगे कहां एसा

लेखक – ज़ुबैर खान……..✍️

35 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
इस तरह छोड़कर भला कैसे जाओगे।
इस तरह छोड़कर भला कैसे जाओगे।
Surinder blackpen
मेघों का इंतजार है
मेघों का इंतजार है
VINOD CHAUHAN
बेकारी का सवाल
बेकारी का सवाल
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
वक़्त को गुज़र
वक़्त को गुज़र
Dr fauzia Naseem shad
अक्स आंखों में तेरी है प्यार है जज्बात में। हर तरफ है जिक्र में तू,हर ज़ुबां की बात में।
अक्स आंखों में तेरी है प्यार है जज्बात में। हर तरफ है जिक्र में तू,हर ज़ुबां की बात में।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
आदम का आदमी
आदम का आदमी
आनन्द मिश्र
शिव रात्रि
शिव रात्रि
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
~
~"मैं श्रेष्ठ हूँ"~ यह आत्मविश्वास है... और
Radhakishan R. Mundhra
Vishal Prajapati
Vishal Prajapati
Vishal Prajapati
आंखों से बयां नहीं होते
आंखों से बयां नहीं होते
Harminder Kaur
तेरे शब्दों के हर गूंज से, जीवन ख़ुशबू देता है…
तेरे शब्दों के हर गूंज से, जीवन ख़ुशबू देता है…
Anand Kumar
अंबर तारों से भरा, फिर भी काली रात।
अंबर तारों से भरा, फिर भी काली रात।
लक्ष्मी सिंह
चुलबुली मौसम
चुलबुली मौसम
अनिल "आदर्श"
बिन मौसम के ये बरसात कैसी
बिन मौसम के ये बरसात कैसी
Ram Krishan Rastogi
मुझे पढ़ने का शौक आज भी है जनाब,,
मुझे पढ़ने का शौक आज भी है जनाब,,
Seema gupta,Alwar
गाँधी जयंती
गाँधी जयंती
Surya Barman
मदमस्त
मदमस्त "नीरो"
*Author प्रणय प्रभात*
2962.*पूर्णिका*
2962.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*जब तू रूठ जाता है*
*जब तू रूठ जाता है*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
*रेल हादसा*
*रेल हादसा*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*विभीषण (कुंडलिया)*
*विभीषण (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
इस धरातल के ताप का नियंत्रण शैवाल,पेड़ पौधे और समन्दर करते ह
इस धरातल के ताप का नियंत्रण शैवाल,पेड़ पौधे और समन्दर करते ह
Rj Anand Prajapati
जिंदगी का मुसाफ़िर
जिंदगी का मुसाफ़िर
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
आज के रिश्ते: ए
आज के रिश्ते: ए
पूर्वार्थ
पिता,वो बरगद है जिसकी हर डाली परबच्चों का झूला है
पिता,वो बरगद है जिसकी हर डाली परबच्चों का झूला है
शेखर सिंह
अतुल वरदान है हिंदी, सकल सम्मान है हिंदी।
अतुल वरदान है हिंदी, सकल सम्मान है हिंदी।
Neelam Sharma
न मिलती कुछ तवज्जो है, न होता मान सीधे का।
न मिलती कुछ तवज्जो है, न होता मान सीधे का।
डॉ.सीमा अग्रवाल
आप नौसेखिए ही रहेंगे
आप नौसेखिए ही रहेंगे
Lakhan Yadav
एक टहनी एक दिन पतवार बनती है,
एक टहनी एक दिन पतवार बनती है,
Slok maurya "umang"
बड़ी होती है
बड़ी होती है
sushil sarna
Loading...