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14 Apr 2024 · 1 min read

“परचम”

“परचम”
अंगार भरी पगडण्डियों पर
कलियाँ गुलाब की खिलती है,
सफर अख्तियार करने पर
एक दिन मंजिल मिलती है।

1 Like · 1 Comment · 20 Views
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