पथ के मार्गदर्शक पापा
पथ के मार्गदर्शक पापा
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बचपन में उंगली पकड़ जो चलते,
आज वही पथ प्रदर्शक है करते।
राह दिखाते हमको मंजिल की,
लक्ष्य हमारा परिपूर्ण करते ।।
पथ के मार्गदर्शक है पापा——
हिम्मत जब हे टूट जाती,
में थक के हार जाती,
जब तुम ही साहस दे मुझको !
आसमान में उड़ने की ,
ताकत देते मुझको।।
पथ के मार्गदर्शक हैं पापा——-
मेरे जो ख्वाब थे,
उनको कदम से कदम मिलाकर,
पूरा करते थे।
वो अपनी इच्छाओं को दबाकर,
परिवार को जीवन ,
समर्पित करते थे!!!!
पथ के मार्गदर्शक थे पापा——–
सुषमा सिंह *उर्मि,,
कानपुर