पत्थर के फूल
हवा, पानी और भोजन की तरह महत्वपूर्ण चीज है- नींद। नींद ही जागरण में सहायक होती है। नींद के लिए मजदूर कभी गोली नहीं खाते , जबकि अमीरों को बिना गोली खाये नींद नहीं आती। यह एक बहुत बड़ी विडम्बना है।
विश्व के सॉफ्टवेयर कम्पनी ‘सेप’ (SAP) के कार्यकारी 42 वर्षीय रंजन दास दिन में सिर्फ 4 घण्टे सोते थे। परिणामस्वरूप हृदयाघात से उनकी मृत्यु हो गई। विश्व प्रसिद्ध पॉप डांसर माइकल जैक्सन को भला कौन नहीं जानता? उनके पास करोड़ों के बिस्तर थे, लेकिन यदि कुछ नहीं थी, तो वह थी- उनकी आँखों में नींद।
वास्तव में जीवन में संतुलन जरूरी है। जो सन्तुलन को प्राप्त कर लेता है, वही सुखी रहता है। चाहे वह मजदूर हो, गरीब हो या अमीर।
आज 1 मई है यानी मजदूर दिवस। वही मेहनतकश मजदूर जो खून-पसीना बहाकर विश्व का निर्माण करता है। निःसन्देह उनके कन्धों पर सम्पूर्ण एटलस का भार है। इस मौके पर दुनिया के तमाम मजदूरों को मेरा शत शत नमन्,,,,💝💐🎂
उनके सम्मान में ये चन्द पंक्तियाँ प्रस्तुत है :
मेरे रुकने से रुक जाएगी दुनिया
नष्ट हो जाएंगे सारे चमन
रुक जाएगा मार्गों का बनना
ऊँचे-ऊँचे महलों का सपना
दरअसल सारी दुनिया की
तरक्की के टूल हूँ,
मैं पत्थर के फूल हूँ
जी हाँ, मैं पत्थर के फूल हूँ।
डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
अमेरिकन एक्सीलेंट अवार्ड प्राप्त
हरफनमौला साहित्य लेखक।