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3 Sep 2019 · 1 min read

पता था न ये दिल लगाने से पहले

पता था न ये दिल लगाने से पहले
गले गम लगेंगे मिलाने से पहले

तुम्हें खो ही देंगे यूँ पाने से पहले
ये सोचा न था आजमाने से पहले

उन्होंने वफ़ा अपनी ऐसे निभाई
चले आये मिलने वो जाने से पहले

तड़प थी न गम थे न कोई नमी थी
निगाहों में उनको बसाने से पहले

था बोझ दिल पे हमारे बड़ा ही
ये आँसू की गंगा बहाने से पहले

न ये आग बदले की खुद में लगाओ
खुदी मर मिटोगे मिटाने से पहले

करेंगे हमें ‘अर्चना’ अपने रुसवा
न सोचा था महफ़िल सजाने से पहले

3-09-2019
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

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