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18 Sep 2024 · 1 min read

” पतंग “

” पतंग ”
पतंग के भी सजे सपने
आसमान से भी ऊँचे,
फिर भी क्यूँ नीचे आती
जो बुझ सके वो बुझे।

2 Likes · 2 Comments · 13 Views
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