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16 Sep 2021 · 1 min read

“पतंग”

पतंग
°°°°°°°

पतंग होता सदा , रंग-बिरंगी;
ये होता है,बच्चों के हमसंगी।

पतंग उड़ता, हवा-प्रकाश में;
जो निकले , रवि आकाश में।

जो खींचें रवि, पतंग की डोर;
तब पतंग नाचता, चारों ओर।

टूटते जब कभी , इसके धागे;
तेजी से पतंग, सदा दूर भागे।

जब भी,आपस में लड़े पतंग;
तब ही , कभी कटे यह पतंग।

जब कहीं कटते , कोई पतंग;
सब लूटने दौड़े, करते हुरदंग।

पतंग होती , बच्चों को प्यारी;
मेरी पतंग , घूमे दुनिया सारी।

**********************

…..✍️प्रांजल
…….कटिहार।

8 Likes · 6 Comments · 753 Views
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