पड़ोसन के वास्ते
अपने भी क्यूॅ॑ खफा हुए पड़ोसन के वास्ते
हमसे ही क्यूॅ॑ रुसवा हुए पड़ोसन के वास्ते
हम पर जुनून पड़ोसन का ऐसे चढ़ा हुजूर
लो क्या से जानें क्या हुए पड़ोसन के वास्ते
हमसे ही क्यूॅ॑ ………..
दुरियाॅ॑ कर ली सभी ने यूॅ॑ देकर नाराजगी
अंदाज को सभी ने मेरे समझा आवारगी
मैं किसको क्या कहूॅ॑ समझाऊॅ॑ किस तरह
हमसे ही क्यूॅ॑ ………..
सभी जानते हैं पड़ोसन दिल का सुकून है
सब हैं छुपाते दिल में पर सबका जुनून है
मानें न मानें पड़ोसन तो सबके दिलों में है
हमसे ही क्यूॅ॑ ………..
चम्पा कोई चमेली है या गुलाब की कली
जिंदगी,सपना किसी के है ख्वाब में ढ़ली
हर किसी की चाहत और दिदार-ए-चाॅ॑द है
हमसे ही क्यूॅ॑ ……….
‘V9द’ मेरा क्या गुनाह अरे क्या कुसूर है
मैंने किया क्या अलग सभी का दस्तूर है
लो तौबा करें आज यूं पड़ोसन के नाम से
हमसे ही क्यूॅ॑ ……….