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25 Mar 2021 · 1 min read

न बहुत ज़्यादा न बहुत कम देखते हैं

न बहुत ज़्यादा न बहुत कम देखते हैं
उन्हें बार-बार बस हम देखते हैं

हासिल क्या होता है मोहब्बत में
हम भी एकबार खाकर कसम देखते हैं

मुझे तड़पता देखकर कोई यकीन नही करता
अब दर्द देखने से पहले लोग जख्म देखते हैं

क्या वजह थी मौत की किसी को क्या मतलब
लाश देखने से पहले लोग कफन देखते हैं

कब तक आग के मानिंद जलता रहूंगा मैं
तनहा आओ मोहब्बत में सितम देखते हैं

1 Like · 2 Comments · 226 Views
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