नैतिकता का मूल्य
नैतिकता के मूल्य शिखर पर,
अनवरत हम बढ़ते जायें,
शिक्षा, कौशल और वैभव से,
इंसानियत आओ हम सिखायें।
संस्कृति सबकी तनिक निराली,
पर ध्येय सभी का एक है,
व्यावहारिकता से सुसज्जित,
यह हमारा भारतवर्ष विशेष है।
आदर्श प्रेम और करूणा का,
ना किचिंत भर यहां अभाव है,
शालीनता के उच्च अनुभव पर,
मिलता यहां श्रेष्ठ संभाव है।
लोक व्यवहार उत्कृष्ट कला का,
अनुपम दिखता स्वरूप है,
अनुशासन और दिव्यता की,
अलख ज्योति के अनुरूप है।