Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Apr 2020 · 1 min read

नेतागण तो तेने कहिए

नेतागण तो तेने रे कहिए, जे पीर पराई ना जाने रे
लख लख वादे करे सुहाने, पूरा कर ना जाने रे
जन गण का मन जीत सके, जो मीठी बोले बानी रे
परोपकार ना करें किसी का ,माल कमाना जाने रे
नेतागण तो तेने रे कहिए, जो पीर पराई ना जाने रे
बार-बार दल बदल सके, जो नया बनाना जाने रे
बंदर जैसा उछले कूदे, कुर्सी प्रेम दीवाना रे
नेतागण तो तेने रे कहिए ,जे पीर पराई ना जाने रे

Language: Hindi
9 Likes · 3 Comments · 260 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
चिला रोटी
चिला रोटी
Lakhan Yadav
पथिक तुम इतने विव्हल क्यों ?
पथिक तुम इतने विव्हल क्यों ?
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
অরাজক সহিংসতা
অরাজক সহিংসতা
Otteri Selvakumar
परोपकार
परोपकार
Raju Gajbhiye
Dard-e-madhushala
Dard-e-madhushala
Tushar Jagawat
भगोरिया पर्व नहीं भौंगर्या हाट है, आदिवासी भाषा का मूल शब्द भौंगर्यु है जिसे बहुवचन में भौंगर्या कहते हैं। ✍️ राकेश देवडे़ बिरसावादी
भगोरिया पर्व नहीं भौंगर्या हाट है, आदिवासी भाषा का मूल शब्द भौंगर्यु है जिसे बहुवचन में भौंगर्या कहते हैं। ✍️ राकेश देवडे़ बिरसावादी
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
दिव्य दृष्टि बाधित
दिव्य दृष्टि बाधित
Neeraj Agarwal
* संस्कार *
* संस्कार *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दुर्गा माँ
दुर्गा माँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कुछ लोग हेलमेट उतारे बिना
कुछ लोग हेलमेट उतारे बिना
*Author प्रणय प्रभात*
आज का अभिमन्यु
आज का अभिमन्यु
विजय कुमार अग्रवाल
-- गुरु --
-- गुरु --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
नींद आज नाराज हो गई,
नींद आज नाराज हो गई,
Vindhya Prakash Mishra
"मकड़जाल"
Dr. Kishan tandon kranti
इंसान होकर जो
इंसान होकर जो
Dr fauzia Naseem shad
तू ज़रा धीरे आना
तू ज़रा धीरे आना
मनोज कुमार
हिंदी
हिंदी
Bodhisatva kastooriya
ठंड से काँपते ठिठुरते हुए
ठंड से काँपते ठिठुरते हुए
Shweta Soni
मिलेंगे कल जब हम तुम
मिलेंगे कल जब हम तुम
gurudeenverma198
प्रकृति वर्णन – बच्चों के लिये एक कविता धरा दिवस के लिए
प्रकृति वर्णन – बच्चों के लिये एक कविता धरा दिवस के लिए
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
*क्या हुआ आसमान नहीं है*
*क्या हुआ आसमान नहीं है*
Naushaba Suriya
23/28.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/28.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*शुभकामनाऍं*
*शुभकामनाऍं*
Ravi Prakash
टन टन बजेगी घंटी
टन टन बजेगी घंटी
SHAMA PARVEEN
हमसफ़र
हमसफ़र
अखिलेश 'अखिल'
🥰 होली पर कुछ लेख 🥰
🥰 होली पर कुछ लेख 🥰
Swati
शीर्षक - 'शिक्षा : गुणात्मक सुधार और पुनर्मूल्यांकन की महत्ती आवश्यकता'
शीर्षक - 'शिक्षा : गुणात्मक सुधार और पुनर्मूल्यांकन की महत्ती आवश्यकता'
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
ये दुनिया है
ये दुनिया है
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
💐प्रेम कौतुक-482💐
💐प्रेम कौतुक-482💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
अयोध्या धाम तुम्हारा तुमको पुकारे
अयोध्या धाम तुम्हारा तुमको पुकारे
Harminder Kaur
Loading...