Lambi khamoshiyo ke bad ,
वर्तमान गठबंधन राजनीति के समीकरण - एक मंथन
नवल प्रभात में धवल जीत का उज्ज्वल दीप वो जला गया।
जब फ़ज़ाओं में कोई ग़म घोलता है
**पी कर मय महका कोरा मन***
ख़ामोशी है चेहरे पर लेकिन
कम कमाना कम ही खाना, कम बचाना दोस्तो!
कौन कहता है छोटी चीजों का महत्व नहीं होता है।
उधार और मानवीयता पर स्वानुभव से कुछ बात, जज्बात / DR. MUSAFIR BAITHA
राणा सा इस देश में, हुआ न कोई वीर
काश वो होते मेरे अंगना में
मनमोहन लाल गुप्ता 'अंजुम'
पर्यावरण में मचती ये हलचल