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19 Sep 2017 · 1 min read

नेताओं की वाणी

नेताओं की वाणी पर
हरगिज विश्वास न करना
ऐ मेरे भोले भारतवासी,
चुनाव से पहले जो कहते
वादा जो करते भूल जाते,
पहले चार वर्ष वह लोग
अपने लिए जीते है ,
मौज ऊड़ाते है और
आराम फरमाते है ,
देकर जनता को धोखा
जनता को ही लूटते है,
शेष की एक वर्ष
माफी मांगने की ढोंग
रचकर जनता को फिर
बहलाते है फुसलाते है
एक बार फिर चुनाव
जीतने की तैयारी करते है;
अब तो नफरत सी हो गई है
इन नेताओं की वाणी से
मगर क्या करे झेलना पड़ता है ,
समाज में रहना है तो विष
शिव की तरह पीना पड़ता है ।

Language: Hindi
471 Views
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