Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Dr. Kishan tandon kranti
287 Followers
Follow
Report this post
27 Apr 2024 · 1 min read
“नाश के लिए”
“नाश के लिए”
एक ही चूक काफी है
नाश के लिए
फिर कहीं भी
निशानी मिलेगी नहीं।
Tag:
Quote Writer
Like
Share
3 Likes
·
3 Comments
· 124 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
पूनम का चाँद (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
तस्वीर बदल रही है (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
नवा रद्दा (कविता-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
तइहा ल बइहा लेगे (कविता-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
परछाई के रंग (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
सबक (लघुकथा-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
सौदा (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
जमीं के सितारे (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
बेहतर दुनिया के लिए (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
मेला (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
You may also like these posts
*संस्मरण*
Ravi Prakash
अंजाम-ऐ-मुहब्बत - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
बुंदेली दोहे-फदाली
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हुनर से गद्दारी
भरत कुमार सोलंकी
विपत्ति में, विरोध में अडिग रहो, अटल रहो,
पूर्वार्थ
“मिजाज़-ए-ओश”
ओसमणी साहू 'ओश'
समर्पण का नाम प्यार
Rekha khichi
युवा मन❤️🔥🤵
डॉ० रोहित कौशिक
हम तो हैं इंसान के साथ
Shekhar Chandra Mitra
तुम मेरे बाद भी
Dr fauzia Naseem shad
डरना नही आगे बढ़ना_
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
ख्वाहिशे तो ताउम्र रहेगी
Harminder Kaur
फुर्सत
Sudhir srivastava
Tum ibadat ka mauka to do,
Sakshi Tripathi
"होगी जीत हमारी"
Dr. Kishan tandon kranti
*क्रोध की गाज*
Buddha Prakash
माँ दुर्गा मुझे अपना सहारा दो
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
माता - पिता
Umender kumar
क्या बात है!!!
NAVNEET SINGH
बचपन, "बूढ़ा " हो गया था,
Nitesh Kumar Srivastava
आ
*प्रणय*
मैं दुआ करता हूं तू उसको मुकम्मल कर दे,
Abhishek Soni
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
जय श्री राम
आर.एस. 'प्रीतम'
हिन्दी के साधक के लिए किया अदभुत पटल प्रदान
Dr.Pratibha Prakash
तृष्णा का थामे हुए हाथ
Shally Vij
अब मुझे जाने दे
Jyoti Roshni
मां का दर रहे सब चूम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
आ जाती हो याद तुम मुझको
gurudeenverma198
2680.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...