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1 Feb 2021 · 1 min read

नारी

लज्जा भी नारी,
लज्जित भी नारी।
शुद्ध भी नारी,
अशुद्ध भी नारी।
अभिमान भी नारी,
तिरस्कार भी नारी।
दुर्गा भी नारी,
दुर्गति भी नारी।
कैसे औऱ कब तक,
निभाऊं ये दोहरा सा किरदार।

Language: Hindi
661 Views
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