नारी सौन्दर्य ने
नारी सौन्दर्य ने
तख्त पलटे हैं
तपस्याएँ तोड़ी है
चैन चुराया है
विरले को छोड़कर
संसार को ललचाया है।
लोग भ्रमित होते रहे
द्रौपदी के सौन्दर्य से,
पश्चिम में युद्ध हुए
हेलेन के सौन्दर्य से।
रानी पद्मावती की
एक झलक पाने को
अलाउद्दीन खिलजी
खींचा चला आया था,
देवल रानी पर
अधिकार पाने को
भाई ने भाई का
नैन फोड़वाया था।
मेरी प्रकाशित 33 वीं काव्य-कृति :
‘पनघट’ में संकलित रचना की चन्द पंक्तियाँ।
डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
भारत के 100 महान व्यक्तित्व में शामिल
एक साधारण व्यक्ति।