Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jan 2024 · 2 min read

सजनी पढ़ लो गीत मिलन के

अक्सर आकर दस्तक देती
यादें अपने बचपन की,
सजनी पढ़ लो गीत मिलन के
कसमें तुमको यौवन की ।

मेरे संग तुम होते थे तो
दिन खुशियों में गाता था,
बगियन में नित साँझ सबेरे
मिलना कितना भाता था।
फिकर नहीं थी किसी बात की
खाने और कमाने की।
सजनी पढ़ लो गीत मिलन के
कसमें तुमको यौवन की ।

कभी रूठते कभी मनाते,
कभी घूमते इधर-उधर,
देर रात तक खेला करते
खो-खो, सकरी, सातोंघर ।
पंख लगा उड़ गया लड़कपन
बातें हुई स्वपन की ।
सजनी पढ़ लो गीत मिलन के
कसमें तुमको यौवन की ।

आज डटा हूँ आ सरहद पर
बन भारत का एक सेनानी,
जहाँ सीमायें रोज सुनाती
महावीरों की शौर्य कहानी ।
यहाँ यजन है करते योद्धा
साहस, त्याग, बलिदान की,
सजनी पढ़ लो गीत मिलन के,
पढ़ कसमें तुमको यौवन की ।

मुझे गर्व है मेरे वतन पर,
मुझे गर्व है मेरी सेना पर।
ध्वजा तिरंगा का हूँ प्रहरी,
गर्व है मुझको वर्दी पर।
हिंदुस्तान का फौजी होना
बात सदा इतराने की।
सजनी पढ़ लो गीत मिलन के
कसमें तुमको यौवन की ।

बचपन तो बचपन होता है
एक दिन सभी का जाता है,
जीवन भर का ताना-बाना
बचपन ही बुन जाता है।
अभी समय है दोनों माँ के
दूध का कर्ज चुकाने का,
सजनी पढ़ लो गीत मिलन के,
कसमें तुमको यौवन की ।

गत स्मृतियाँ आती तो हैं
पर अभिलाषा शेष यही,
काम पड़े जब मेरे लहू का
पग न काँपे कभी कहीं।
सृजन का संकल्प यही है
यही बात दुहराने की।
सजनी पढ़ लो गीत मिलन के,
कसमें तुमको यौवन की ।

Language: Hindi
72 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Satish Srijan
View all
You may also like:
हिन्दी
हिन्दी
Bodhisatva kastooriya
सच्चाई की कीमत
सच्चाई की कीमत
Dr Parveen Thakur
ज़िंदगी कब उदास करती है
ज़िंदगी कब उदास करती है
Dr fauzia Naseem shad
*जाता दिखता इंडिया, आता भारतवर्ष (कुंडलिया)*
*जाता दिखता इंडिया, आता भारतवर्ष (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
"विचित्रे खलु संसारे नास्ति किञ्चिन्निरर्थकम् ।
Mukul Koushik
कविता
कविता
Shiva Awasthi
तेवरी इसलिए तेवरी है [आलेख ] +रमेशराज
तेवरी इसलिए तेवरी है [आलेख ] +रमेशराज
कवि रमेशराज
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
Please Help Me...
Please Help Me...
Srishty Bansal
बदनसीब डायरी
बदनसीब डायरी
Dr. Kishan tandon kranti
अधि वर्ष
अधि वर्ष
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
अपनी क्षमता का पूर्ण प्रयोग नहीं कर पाना ही इस दुनिया में सब
अपनी क्षमता का पूर्ण प्रयोग नहीं कर पाना ही इस दुनिया में सब
Paras Nath Jha
खता कीजिए
खता कीजिए
surenderpal vaidya
मुस्कुराहट
मुस्कुराहट
Naushaba Suriya
मुझे तो मेरी फितरत पे नाज है
मुझे तो मेरी फितरत पे नाज है
नेताम आर सी
"एक नज़्म लिख रहा हूँ"
Lohit Tamta
मानवीय संवेदना बनी रहे
मानवीय संवेदना बनी रहे
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
आग और पानी 🔥🌳
आग और पानी 🔥🌳
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
💐प्रेम कौतुक-285💐
💐प्रेम कौतुक-285💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
2859.*पूर्णिका*
2859.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
দারিদ্রতা ,রঙ্গভেদ ,
দারিদ্রতা ,রঙ্গভেদ ,
DrLakshman Jha Parimal
Loneliness in holi
Loneliness in holi
Ankita Patel
दुख निवारण ब्रह्म सरोवर और हम
दुख निवारण ब्रह्म सरोवर और हम
SATPAL CHAUHAN
बोलो!... क्या मैं बोलूं...
बोलो!... क्या मैं बोलूं...
Santosh Soni
कहीं फूलों की बारिश है कहीं पत्थर बरसते हैं
कहीं फूलों की बारिश है कहीं पत्थर बरसते हैं
Phool gufran
दीपावली
दीपावली
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
■ आज का संकल्प...
■ आज का संकल्प...
*Author प्रणय प्रभात*
मन की चंचलता बहुत बड़ी है
मन की चंचलता बहुत बड़ी है
पूर्वार्थ
जिन्दगी ....
जिन्दगी ....
sushil sarna
*है गृहस्थ जीवन कठिन
*है गृहस्थ जीवन कठिन
Sanjay ' शून्य'
Loading...